बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - उच्चतर शैक्षिक मनोविज्ञान
प्रश्न- प्रकार्यवाद क्या है? उल्लेख कीजिए। प्रकार्यवाद का सिद्धान्त बताइए।
अथवा
शिक्षा में प्रकार्यवाद का जो महत्वपूर्ण योगदान है, उसका उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
प्रकार्यवाद
प्रकार्यवादी विचारधारा का विकास अमेरिका में हुआ। इसका विकास संरचनावादी सम्प्रदाय की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हुआ। इस विचारधारा पर डारविन के विकासवादी सिद्धान्त का प्रभाव है। प्रकार्यवाद को वास्तविक स्वरूप जॉन डीवी और रोनाल्ड एंजिल ने दिया। इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि 'प्रयोजनवाद' है। इस बात का आधार क्यों और कैसे है?
वुडवर्थ के अनुसार, - “एक मनोविज्ञान जो इस प्रश्न पर मनुष्य क्या करते हैं? का भी उतना सही और व्यवस्थित उत्तर देता है और आगे के प्रश्नों, किस प्रकार वे उसे करते हैं? का भी उत्तर देता है, प्रकार्यवाद सम्प्रदाय कहलाता है।"
मनोविज्ञान में ज्ञान, संकल्प तथा क्रिया का समावेश प्रकार्यवाद के कारण हुआ। यह विचारधारा मन की शक्तियों की गत्यात्मकता पर बल देता है। विभिन्न देशों में मनोवैज्ञानिकों द्वारा प्रसारित इसके प्रमुख सम्प्रदाय निम्न हैं-
शिकागो सम्प्रदाय - इस सम्प्रदाय के मानने वाले जॉन डीवी, जेम्स रोनाल्ड और हवेकार हैं। जॉन डीवी ने मनोविज्ञान के क्षेत्र में मन और बुद्धि की उपयोगिता पर विशेष बल दिया है। जॉन डीवी ने अपने एक लेख "रिफ्लेक्स आर कॉनसेप्ट " में इस बात पर जोर दिया है कि मानसिक क्रियाओं में निरन्तरता होती है। ये बिना एक क्षण भी रुके होती रहती है। उन्होंने उद्दीपन और अनुक्रिया में पृथकता और सम्बन्धों की खोज की है।
जेम्स रोनाल्ड एंजिल - इनके अनुसार, प्रकार्यवाद का सम्बन्ध 'प्रक्रिया' से है। ये मानसिक प्रक्रियाओं का स्वरूप क्या है और ये किस प्रकार कार्य करती हैं इसकी जानकारी पर बल देते हैं। मानसिक प्रकार्य परिस्थितियों के अनुरूप सम्पादित होते हैं। मन और शरीर दोनों संयुक्त रूप से क्रियाशील होते हैं और मनुष्य को अपने पर्यावरण से समायोजन करने में सहायता देते हैं। सभी मानसिक क्रियायें मन और शरीर के सम्मिलित प्रयास और योग पर निर्भर है। प्रकार्यवाद मन और शरीर को दो भिन्न वस्तुओं में स्वीकार नहीं करता। हार्वेकार ने मनोविज्ञान को मानसिक क्रियाओं का विज्ञान बताया है। प्रकार्यवादी मनोविज्ञान का विषय 'क्यों और कैसे' है।
कोलम्बिया सम्प्रदाय - इस सम्प्रदाय के प्रतिपादक कोलम्बिया विश्वविद्यालय के जेम्स कैटल, एडबर्ड थार्नडाइक और राबर्ट वुडवर्थ थे। कैटल ने साहचर्य, प्रत्यक्ष ज्ञान और मनोभौतिकी पर कार्य किया। थार्नडाइक ने बुद्धि मापन और अधिगम प्रक्रिया पर कार्य किया। वुडवर्थ ने 'समकालीन मनोवैज्ञानिक सम्प्रदाय' नामक पुस्तक लिखी। प्रकार्यवाद में समंजन पर बल देने के कारण गत्यात्मक मनोविज्ञान का विकास हुआ।
प्रकार्यवाद के सिद्धान्त
प्रकार्यवादी प्रत्येक कार्य का अध्ययन उसकी उपयोगिता के आधार पर करते हैं। प्रकार्यवादी इस बात का ध्यान रखते हैं कि जीवन के लिये किस वस्तु की उपयोगिता है, ये मानव व्यवहार के अध्ययन की उपेक्षा नहीं करते हैं। मानव व्यवहार, मन और शरीर दोनों का प्रतिपादन है, किसी एक का नहीं क्योंकि दोनों एक हैं। इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता है। प्रकार्यवादी समायोजन को भी महत्व देते हैं, समायोजन बिना चेतना के सम्भव नहीं है। इनका मानना है कि चेतना शारीरिक तथा तन्त्रिका तंत्र का ही एक परिष्कृत रूप है। जीव का वातावरण से समायोजन होना अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि किसी वातावरण में वहीं कार्य करता है जो सुखद होता है।। कार्य जो सुखदायी नहीं होता है, उसके साथ समायोजन नहीं हो सकता है। इसका उद्देश्य यह होता है कि किसी व्यक्ति ने कोई कार्य किस प्रकार किया अर्थात् उन क्रियाओं को ज्ञात किया जाए जो कार्य करने की प्रेरणा देती हैं।
इसके लिये इन्होंने निम्न विधियाँ खोजीं -
1. शारीरिक विधि - इसके माध्यम से यह ज्ञात किया गया कि शरीर विज्ञान ही प्रत्येक क्रिया का कारण होता है। अतः प्रयोग करने के लिये यह शारीरिक रचना के ज्ञान पर बल देते हैं।
2. विभिन्न अवस्थाओं की विधि - इसका प्रयोग व्यक्ति के कार्यों के अध्ययन के लिये किया जाता है। व्यक्ति को कार्य करने के लिये कहा जाता है और जब वह कार्य करने लगता है तो इस बात का सूक्ष्म अध्ययन करते हैं कि वह कार्य को किस प्रकार करता है। कुछ अवस्थाओं में दिये गये कार्य को पूर्ण कर लेता है और कुछ में नहीं कर पाता है। यदि ऐसा होता है तो यह कहा जा सकता है कि किसी कार्य को करने की एक पद्धति होती है। इसके बाद उस विधि का ज्ञान कर लेते हैं।
3. अन्तर्दर्शन विधि - इस विधि का प्रयोग मनुष्य से, जिसे निर्धारित कार्य करने के लिये दिया जाता है, उन अतिरिक्त सूचनाओं को प्राप्त करने के लिये किया जाता है जिन्होंने उसे यह कार्य करने के लिये तथा एक निश्चित विधि अपनाने के लिये कहा। इस विधि में मनोवैज्ञानिक परिणाम तभी प्राप्त होते हैं जब निरीक्षण कार्य होते समय अथवा उसके तुरन्त बाद इसे अपनाया जाए। क्योंकि इसका सम्बन्ध स्मरण शक्ति से होता है और मनुष्य की स्मरण शक्ति देर तक नहीं रहती। बिने ने इसका प्रयोग सोचने की क्रिया के सम्बन्ध में किया।
प्रकार्यवाद का योगदान
1. प्रकार्यवाद, पाठ्यक्रम की विषयवस्तु की उपयोगिता पर बल देता है और बालक को वही पढ़ने की सलाह देता है जिसका वे जीवन में प्रयोग कर सके।
2. प्रकार्यवादी द्वारा किए गये विचारों की सहायता से सीखने की पद्धतियों और तकनीकों को अधिक प्रकार्यात्मक बनाया गया। इस सम्प्रदाय से शिक्षा और शिक्षण पद्धतियों का ध्यान विषय- पर न करके छात्रों की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
3. व्यावहारिक समस्याओं में मनोविज्ञान के अनुप्रयोग, विशेषतायें तथा शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में की गयी अनुक्रिया में प्रकार्यवाद ने व्यावहारिक अनुसंधान हेतु मार्ग प्रशस्त किया।
4. प्रकार्यवाद ने ही बाल मनोविज्ञान, वैयक्तिक भिन्नता, बुद्धि परीक्षण इत्यादि महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक उपविषयों को सबसे पहले प्रस्तुत किया।
5. इस विचारधारा ने अधिगम प्रक्रिया में पर्यावरण एवं समायोजन पर बल दिया।
6. इस सम्प्रदाय के लोगों के द्वारा वैयक्तिक भिन्नता, अधिगम, बुद्धि, समायोजन, परीक्षण व मूल्यांकन आदि के क्षेत्र में बहुत से शोध कार्य हुए जिनका प्रभाव शिक्षा पर पड़ा।
7. इस सम्प्रदाय ने मन और शरीर की संयुक्त क्रियाशीलता पर बल दिया। उनका विचार था कि मन के बिना शरीर और शरीर के बिना मन का अध्ययन अधूरा है। मन और शरीर दोनों एक साथ क्रिया करते हैं।
इसी कारण अध्ययन विधि के रूप में निम्न रीतियों पर जोर दिया -
1. दैहिक रीति
2. विभिन्न अवस्थाओं में अध्ययन रीति
3. अन्तर्दर्शन विधि |
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- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ बताइये एवं इसकी प्रकृति को संक्षेप में स्पष्ट कीजिये !
- प्रश्न- मनोविज्ञान और शिक्षा के सम्बन्ध का विवेचन कीजिये और बताइये कि मनोविज्ञान ने शिक्षा सिद्धान्त और व्यवहार में किस प्रकार की क्रान्ति की है?
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान की भूमिका या महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- 'शिक्षा मनोविज्ञान का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। शिक्षक प्रशिक्षण में इसकी सम्बद्धता क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की विकासात्मक विधि को समझाइये तथा इस विधि की विशेषताओं एवं सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक सिद्धान्त व शैक्षिक प्रक्रिया के लिये शैक्षिक मनोविज्ञान का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की विभिन्न परिभाषाओं को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- व्यवहारवाद की प्रमुख विशेषताएँ बताइए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारवाद सम्प्रदाय का क्या योगदान है?
- प्रश्न- व्यवहारवाद तथा शिक्षा के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- गैस्टाल्ट मनोविज्ञान का शैक्षिक महत्व बताते गेस्टाल्टवाद का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रकार्यवाद क्या है? उल्लेख कीजिए। प्रकार्यवाद का सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- अवयवीवाद (गेस्टाल्टवाद) की मुख्य विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- फ्रायड के मनोविश्लेषणवाद को समझाइये।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करता है कैसे?
- प्रश्न- मनोविज्ञान में व्यवहारवाद की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवाद क्या है? इसका शैक्षिक महत्व बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के सम्प्रदाय का अर्थ तथा प्रकार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संरचनावाद का शिक्षा में क्या योगदान है?
- प्रश्न- अधिगम के अर्थ एवं प्रकृति की विवेचना कीजिए। अधिगम एवं परिपक्वता के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा बताइए।
- प्रश्न- अधिगम की प्रकृति समझाइये।
- प्रश्न- परिपक्वता और सीखने में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन-से हैं? उन्हें स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले अध्यापक से सम्बन्धित कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- विषय से सम्बन्धित अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम के वातावरण सम्बन्धी कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'अनुबन्धन' से क्या अभिप्राय है? पावलॉव और स्किनर के सीखने के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को नियंत्रित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
- प्रश्न- प्रानुकूलित अनुक्रिया से आप क्या समझते हैं? इस सिद्धान्त का शिक्षा में प्रयोग बताइये।
- प्रश्न- अनुकूलित-अनुक्रिया सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- स्किनर द्वारा सीखने के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के विभिन्न नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- थार्नडाइक के उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गेस्टाल्ट का समग्राकृति अथवा अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- स्किनर के सक्रिय अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धान्त के शिक्षा में प्रयोग को समझाइये |
- प्रश्न- थार्नडाइक के सम्बन्धवाद अथवा प्रयास व त्रुटि के सिद्धान्त के द्वारा अधिगम को समझाइये |
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण क्या है? अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- अधिगम स्थानान्तरण की दशाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अधिगमान्तरण के विभिन्न सिद्धान्तों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर अभिप्रेरणा का अर्थ स्पष्ट करते हुए अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-से हैं? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- 'प्रेरणा' के सम्प्रत्यय का वर्णन कीजिए। छात्रों को अभिप्रेरित करने के लिए आप किन तकनीकों या विधियों का प्रयोग करेंगे?
- प्रश्न- अभिप्रेरणा क्या है? अभिप्रेरणा एवं व्यक्तित्व किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है? अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल प्रवृत्ति सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का मूल मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अभिप्रेरणा का उद्दीपन-अनुक्रिया सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- शैक्षिक दृष्टि से अभिप्रेरणा का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर बुद्धि का अर्थ स्पष्ट करते हुये बुद्धि की प्रकृति या स्वरूप तथा उसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि की प्रकृति एवं स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि की विशेषताओं को समझाइये |
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षा के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं? वैयक्तिक व सामूहिक बुद्धि परीक्षा की तुलना कीजिये।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शाब्दिक व अशाब्दिक तथा उपलब्धि परीक्षण को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- वाचिक अथवा अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण से क्या अभिप्राय है? उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- स्टैनफोर्ड बिने मानदण्ड क्या है?
- प्रश्न- बर्ट द्वारा संशोधित बुद्धि परीक्षण को बताइये।
- प्रश्न- अवाचिक वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षण कौन से हैं?
- प्रश्न- अवाचिक सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण के विभिन्न उपयोगों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- आई. क्यू. (I.Q.) से क्या तात्पर्य है? यह कैसे नापा जाता है? क्या आई. क्यू. स्थायी होता है? बुद्धि कहाँ तक पितृगत होती है? अपने उत्तर के समर्थन में प्रयोगात्मक प्रमाणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- क्या आई. क्यू. (बुद्धिलब्धि) स्थायी होती है?
- प्रश्न- बुद्धि कहाँ तक पितृगत (वंशानुगत) होती है?
- प्रश्न- बुद्धि के स्वरूप व प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि-लब्धि क्या है?
- प्रश्न- बुद्धि की पहचान किन तथ्यों के माध्यम से की जा सकती है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों एवं प्रकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता होने के क्या-क्या कारण हैं?
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता मापने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत भिन्नता और शिक्षा में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- व्यक्तिगत विभिन्नता का शिक्षा में क्या महत्व है?
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता से आप क्या समझते है? शिक्षा में इसके महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नताओं के मापन पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैयक्तिक विभिन्नता का मापन व्यक्तित्व परीक्षा द्वारा कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- परीक्षण के बाद व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से व्यक्तिगत विभिन्नता का मापन बताइये।
- प्रश्न- वैयक्तिक भिन्नता पर आधारित शिक्षण प्रविधियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- डेक्रोली शिक्षण योजना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कॉन्ट्रेक्ट शिक्षण योजना तथा प्रोजेक्ट शिक्षण योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डाल्टन योजना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निष्पत्ति लब्धि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा-लब्धि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निष्पत्ति परीक्षण की शैक्षिक उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख प्रकारों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- थार्नडाइक ने व्यक्तित्व को कितने भागों में विभाजित किया है?
- प्रश्न- स्प्रैगर के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- युंग द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व का निर्धारण करने वाले जैविक एवं वातावरणजन्य कारकों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के प्रमुख गुणों (विशेषताओं) या शीलगुण सिद्धान्त का विस्तार का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के निर्धारण में वंशानुक्रम तथा पर्यावरण की भूमिका बताइए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व निर्धारण में विद्यालय कैसे प्रभाव डालता है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- फ्रायड के सिद्धान्त के प्रमुख तत्व बताइये।
- प्रश्न- फ्रायड द्वारा बताई गई रक्षा युक्तियों को समझाइये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व की संरचना से सम्बन्धित युंग के सिद्धान्त को बताइये।
- प्रश्न- युंग के अनुसार व्यक्तित्त्व का वर्गीकरण कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व मापन के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति की किशोरावस्था या प्रौढ़ावस्था में उसके मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकता है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था में मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से संरक्षित किया जायेगा?
- प्रश्न- कौन-कौन से कारक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा नामे रखने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व से आप क्या समझते हैं? इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- मानसिक द्वन्द्व के स्रोत बताइए।
- प्रश्न- समायोजन से क्या आशय है? विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के कारण बताइये।
- प्रश्न- समायोजन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- विद्यालयी बालकों में कुसमायोजन के लिए कौन-कौन से कारण उत्तरदायी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बचाव (समायोजन) क्या है? प्रमुख बचाव (समायोजन) यंत्रीकरणों को उदाहरण सहित प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- 'संघर्ष' को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- भग्नाशा (कुंठा) को परिभाषित कीजिए। भग्नाशा के प्रमुख कारणों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- दुश्चिंता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- समायोजन स्थापित करने की विभिन्न तकनीकों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तनाव प्रबन्धन क्या है?
- प्रश्न- समायोजन विधि को संक्षेप में समझाइये।